Tuesday, October 22, 2013

शोर्टकट तरीके से गणित के सवाल को हल करना

शोर्टकट तरीके से गणित के सवाल को हल करना . आपने परीक्षाओं में एसे सवाल तो अक्सर देखें होंगे जैसे में निचे बता रहा हूँ.

जैसे

उदाहरण :- एक चूहा 50 फीट गड्डे में गिर जाता है. वो उससे बाहर निकलने का प्रयास करता है है वो 5 फीट प्रतिदिन ऊपर चढता है और रात को 4 फीट निचे फिसल जाता है. तो बताओं की वो कितने दिन में बहार निकलेगा.

हल: ऐसे सवालों को हल करने के लिए इनका कोई शोर्टकट तो नहीं परन्तु में आपको समझा देता है मुझे तो वो शोर्टकट ही लगता है.

जैसे वह पांच फीट प्रतिदिन चढ़ता है. और चार फीट वापिस निचे आ जाता है. तो दोनों के बीच में अंतर कितने का हुआ 1 फीट का.

इसलिए वो एक दिन में चढेगा                   = 1 फीट

45 दिन में चढेगा                      = 45 X 1 = 45 फीट

बचा = 50-45 = 5 फीट

तो वह प्रतिदिन चढता है पांच फीट तो वह अगले दिन पांच फीट चढेगा वो बाहर आ जायेगा . इसलिए एक दिन और जुड गया .

45+1 = 46 दिन लगेंगे.

उत्तर         =  46 दिन

उदाहरण : एक छिपकली दीवार में चढ़ने का प्रयास करती है. वह पहले मिनट में दो फीट चढ जाती है. और अगले मिनट में एक फीट निचे आ जाती है.  यदि दीवार की ऊंचाई 10 फीट हो तो वो कितने मिनट में लक्ष्य को छू लेगी.

हल: प्रश्न तो आपने समझ लिया होगा चलो इसको हल करने का प्रयास करते है.

छिपकली दो मिनट में चढती है पहली मिनट+दूसरी मिनट = 2-1 = 1 फीट

अत: है 8 मिनट में वह चढेगी = 8 x 1 = 8 फीट

वह एक मिनट में चढती है 2 फीट तो वह अगले मिनट में चढ़ेगी और अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी इसलिए आठ मिनट तो उसको वह लगी + एक मिनट यह लगी तो उसको कुल 9 मिनट लगे.

Wednesday, September 11, 2013

"ईश्वर और भूतप्रेत" अद्भूत एवं अकल्पनीय

 "ईश्वर और भूतप्रेत" अद्भूत एवं अकल्पनीय 

                ईश्वर एवं भूत प्रेतो कि बाते भलेही रहस्य,दंतकथा या मात्र एक खयाली पुलाव माना जाता हो लेकिन सच ये भी है कि इन्हे मानने वाली बहुसंख्य आबादी भी इसी विश्व मे रहती है. एक समुदाय इनमे इन सब चीजों का घोर विरोध करने वाला भी है. “अंधश्रद्धा निर्मुलन समितीया” भारत मे है इसकी जानकारी मुझे भली भाती पता है लेकिन संभव है कि विश्व भर मे भी इनका एक बडा समुदाय वास करता है. मै स्वयं को इन दोनो समुदायो से भिन्न पाता हू. क्यूंकी जैसे मै “ईश्वर” इस संकल्पना मे विश्वास रखता हू जो सकारात्मक उर्जा के प्रतिक मे हम मानते है; तो स्वयं हि इसका दुसरा पहलू जो “नकारात्मक उर्जा” है,भला हम इसे कैसे नजरअंदाज कर सकते है??
                मानवी जीवन मे कई बार हमारे साथ कभी-कभी ऐसी रहस्यमई घटनाऐ घट जाती है तब ना चाहते हुये भी इन भूत-प्रेतो के अस्तित्व पर कोई प्रश्नचिन्ह लगाने का दुस्साहस करने कि हिम्मत नही होती. मेरे खुद के साथ भी ऐसा हि दो बार घटित हो चुका है. उन दोनो घटनाओं का उल्लेख करने से मै खुदको नही रोक पा रहा. आप भी इन्हे पढिये और अपनी अपनी सोच के मुताबिक इसका मतलब निकालीये. लेकिन इसका ऐ मतलब कतई ना निकाले कि अंधश्रधा को अपने इस लेख के माध्यम से मै कोई उर्जा पुरा रहा हू. जो मेरे साथ घटित हुआ वो घटनाऐ मात्र यहा आपके साथ साझा कर रहा हू.
घटना क्रमांक-१
                बात उन दिनो कि है जब मै करीब १४-१५ वर्ष कि आयु का रहा होउंगा. हमारे गाव से करीब ५ कि.मी. के दुरी पर घने जंगलो से घीरा एक पहाड है. हमारे पडदादाजी के जमाने से उस पहाडी के शीर्ष पर एक मंदिर है.

Thursday, January 17, 2013

कालकोठरी से अमर बलिदानी वीर नाथूराम गोडसे का अपने माता - पिता के नाम अन्तिम पत्र;

कालकोठरी से अमर बलिदानी वीर नाथूराम गोडसे का अपने माता - पिता के नाम अन्तिम पत्र;--------------------

परम् वंदनीय माताजी और पिताजी , 

अत्यन्त विनम्रता से अंतिम प्रणाम । 

आपके आशीर्वाद विद्युतसंदेश से मिल गये । आपने आज की आपकी प्रकृति और वृद्धावस्था की स्थिति में यहाँ तक न आने की मेरी विनती मान ली , इससे मुझे बडा संतोष हुआ है । आप के छायाचित्र मेरे पास है और उसका पूजन करके ही मैं ब्रह्म में विलीन हो जाऊँगा । 

लौकिक और व्यवहार के कारण आप को इस घटना से परम दुःख होगा इसमें कोई शक नहीं । लेकिन.................

Tuesday, January 15, 2013

एक खरी प्रेमकथा..... Break-Up Ke Baad :'(

एक खरी प्रेमकथा.....
Break-Up Ke Baad :'(..

...
मुलगी :तुझी नविन गर्लफ्रेँन्ड खुप
छान आहे
(तीने चांगलचं Impress केलं असेल)
...
मुलगा : हो आहेचं ती
(पण सर्वात सुंदर मुलगी माझ्यासाठी तुचं आहेस)
...
मुलगी : मी ऐकलयं ती खुप Stylish n
Joking आहे
(ह्यातलं माझ्यात काहीचं नव्हतं म्हणुन आपलं Break-Up झालं वाटतं...)
...
मुलगा : असेलही
(पण तुझ्यासमोर ती काहीचं नाही)
...
मुलगी : मला आशा आहे
तुम्ही शेवटपर्यँत
खुश राहाल
एकत्र राहाल (:
(कारण आपण शेवटपर्यँत पोहोचलोचं नाही)
...
मुलगा : I Hope So आम्ही राहू
(पण आपण नातं का नाही टिकवू शकलो ? का शेवटपर्यँत पोहचू शकलोनाही ?)
...
मुलगी : Well आता मी निघते Bye..
(माझं रडणं सुरु व्हायच्या आत )
...
मुलगा : हा मी पण निघतो
(Plz इथुन गेल्यानंतर तु रडु नकोस)
...
मुलगी : Bye
(मी अजुनही खुप प्रेम करते तुझ्यावर)
...
मुलगा : भेटु परत..:-(
(तुझ्यावर प्रेम कारायचं कधीचं थांबवू शकत नाही)....:)
...
आयुष्यात प्रत्येक
गोष्टीला दुसरी बाजू असते,
आणि
आयुष्यात अशी काही माणस
असतात .....
ज्यांची जागा दुसरं कुणीचं घेऊ शकत,
आयुष्यात कितीही माणसंयेऊ देत
ते नेहमीचं
Special असतात आणि राहतात...

Wednesday, January 9, 2013

चलो आधार कार्ड बनाने वाले आये है


आधार कार्ड बनाने का कैम्प गाव मे खुला. पिछली बार किसी स्मार्ट कार्ड बनाने कि मोहीम के दरमियान हुई अव्यवस्था और मारपीट से संज्ञान लेकर इस बार वार्ड के हिसाब से लोगो को बुलाया गया........ अब सरकारी कार्ड है तो कुछ नं कुछ फायदेवाला मामला हि होगा, ये सोच कर ग्रामसभा कि तरफ सालो साल रुख न करनेवाले लोगो के हुजुम के हुजुम उलटने लगे. अपना नंबर लगाने कि जुगत शुरू हो गई. चल फिर न सकनेवाले बुढे,यहा तक कि मरीज लोगो तक को उनके परिजनोंद्वारा कैम्प मे लाया गया.......... कुछ जुगाडू किस्म के लोग नंबर पहले लगाने का जुगाड करने का प्रयास करने लगे. जब कुछ जुगाड न हो सका तो खिज कर दोबारा कतार मे लगे........ ऑफिस के बाहर खडी कतार धीरे धीरे आधार कर्मचारियो के आजुबाजू जमा होने लगी. फिरसे लोगो के झगडे चालू होने कि नौबत......कतार का नामोनिशान लगभग खत्म होने कि कगार पर.....भीड का हो हल्ला देख कर ग्रामपंचायत का पियक्कड चपरासी लोगो पर झल्लाना चालू कर देता है .........इस पर लोग उसे उसी कि झल्लाहट से चूप बैठने को केहते है.......चपरासी सहम कर बैठ जाता है......बाहर बैठा एक गांव का हि लडका जो लोगो के फॉर्म भरके उनकी मदद करता है, अंदर आकर लोगों से शांत रेहने कि अपील करता है.......जैसे हि उसकी अपील खत्म होती है भीड के बीच मे से हि कोई व्यक्ती जय हिंद जय भारत का एक नारा जो भाषण समाप्त होते हि वक्ता बोलता है, लगभग उसी स्वर मे बोलता है.......अपील करनेवाला लडका लोगो के चीढाने वाले रवय्ये से कुछ ना बोलते हुये वहा से निकल जाता है.....................कतार के अंत मे खडी कुछ महिलाये जो गांव नाते से दादी लगती है कान मे बुदबुदाती है कि पोते के जमाने मे क्या दिक्कत हो रही है........                                                                                                               बेटा नंबर जल्दी लग सकता है क्या?????                                                ........जवाब कुछ नही.......अनसुना करके वहा से निकल जाने के अलावा और कोई  पर्याय भी क्या बचता है?  बीच मे हि एक खडूस रवैय्ये का आदमी वहा आके हो हल्ला मचाता है........केहता है कि,                                                                         अंदर कुछ काला पिला हो रहा है....अपने अपने खास आदमियो का पहले नंबर लगाया जा रहा है........                                                                              वास्तव मे ऐसा कुछ भी नही हो रहा......पता नही किस सी.बी.आई. से उसे रिपोर्ट मिली थी. कायदे और कानून कि बात करने वाला वो व्यक्ती अपने पिता कि हत्या के लिये पहलेसे हि कुख्यात है.........मामला थोडी देर बाद शांत होता है........कतार मे धीरे धीरे लोग जुडते रेहते है........जिनकी कार्ड बनाने की प्रक्रिया पुरी हुई वो लोग खुशी खुशी निकल जाते है........कतार खत्म होने का नामोनिशान नही.....बीच बीच मे आधार वालो का कम्प्युटर दगा देता रेहता है......वो भी हैराण परेशान.......!!!                                                                सरकारी कार्ड बनाने की प्रक्रिया चलती रहती है.              

Sunday, January 6, 2013

"मैंने गाँधी को क्यों मारा " ? नाथूराम गोडसे का अंतिम बयान,,,,


"मैंने गाँधी को क्यों मारा " ? नाथूराम गोडसे का अंतिम बयान,,,,

{इसे सुनकर अदालत में उपस्तित सभी लोगो की आँखे गीली हो गई थी और कई तो रोने लगे थे एक जज महोदय ने अपनी टिपणी में लिखा था की यदि उस समय अदालत में उपस्तित लोगो को जूरी बना जाता और उनसे फेसला देने को कहा जाता तो निसंदेह वे प्रचंड बहुमत से नाथूराम के निर्दोष होने का निर्देश देते }

नाथूराम जी ने कोर्ट में कहा --सम्मान ,कर्तव्य और अपने देश वासियों के प्रति प्यार कभी कभी हमे अहिंसा के सिधांत से हटने के लिए बाध्य कर देता है .में कभी यह नहीं मान सकता की किसी आक्रामक का शसस्त्र प्रतिरोध करना कभी गलत या अन्याय पूर्ण भी हो सकता है .प्रतिरोध करने और यदि संभव हो तो एअसे शत्रु को बलपूर्वक वश में करना..........