Wednesday, February 16, 2011

हो जाओ तय्यार साथियो

हो जाओ तय्यार साथियों, हो जाओ तय्यार ||
अर्पिता कर दो तन-मन-धन, मांग रहा बलिदान वतन
अगर देश के काम न आए तो जीवन बेकार |
सोचने का समय गया, उठो लिखो इतिहास नया
बंसी फेंको और उठालो हाथो में तलवार||
तूफानी गति रुके नही, शीश कटे पर झुके नही
ताने हुए माथे के सम्मुख ठहर न पातीहार |
काँप उठे धरती अम्बर, और उठा लो ऊंचा स्वर
कोटि कोटि कंठों से गूंजे धरम की जे जयकार |

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