Friday, July 1, 2011

अक्ल बङी या भैंस ?

महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस फसा हुआहै मामला, अक्ल बङी या भैंस अक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयीं महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारी भैंस मेरी जबचर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकाराकोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे अक्ल घास जब चरने जाये- हार जाय नर अति दुख पाये भैंस का चारा लालू खायो- निज घरवारि सी.एम. बनवायो तुमहू भैंस का चारा खाओ- बीवी को सी.एम. बनवाओ मोटी अकल मन्दमति होई- मोटीभैंस दूध अति होई अकल इश्क़ कर कर के रोये- भैंस का कोई बाँयफ्रेन् ड ना होये अकल तो ले मोबाइल घूमे- एस.एम.एस. पा पा के झूमे भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे- कबहूँ मिस्ड काल ना मारे भैंस कभी सिगरेट ना पीती- भैंस बिना दारू केजीती भैंस कभी ना पान चबाये - ना ही इसको ड्रग्स सुहाये शक्तिशालिन ी शाकाहारी- भैंस हमारी कितनी प्यारी अकलमन्द को कोई ना जाने- भैंस को सारा जग पहचाने जाकी अकल मे गोबर होये- सो इन्सान पटक सर रोये मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी भैंस मरे तो बनते जूते- अकल मरे तो पङते जूते|
(internet)

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