Sunday, January 30, 2011

जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता

जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा
द्राविड़ उत्कल बंग
विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा
...उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशिष मागे
गाहे तव जय गाथा
जन गण मंगल दायक जय हे
भारत भाग्य विधाता
जय हे जय हे जय हे
जय जय जय जय हे
अहरह तव आव्हान प्रचारित,
सूनि तव उदार बाणी,
हिन्दू बौद्ध सिख जैन,
पारसिक मुसलमान ख्रिस्तानी ,
पूरब- पश्चिम आशे,
तव सिंहासन पाशे,
प्रेमहार यश गाथा,
जन- गण-ऐक्य-वि धायक,
जय हे भारत- भाग्य-विधा ता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे
पतन-अभ्युद य-वन्धुर-प ंथा,
युगयुग धावित यात्री,
हे चिर-सारथी,
तव रथ चक्रेमुखरि त पथ दिन-रात्रि
दारुण विप्लव-माझ े
तव शंखध्वनि बाजे,
संकट-दुख-श ्राता,
जन-गण-पथ-प रिचायक जय हे
भारत-भाग्य -विधाता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे
घोर-तिमिर- घन-निविङ-न िशीथ
पीङित मुर्च्छित- देशे
जाग्रत दिल तव अविचल मंगल
नत नत-नयने अनिमेष
दुस्वप्ने आतंके
रक्षा करिजे अंके
स्नेहमयी तुमि माता,
जन-गण-दुखत ्रायक जय हे
भारत-भाग्य -विधाता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे
रात्रि प्रभातिल उदिल रविच्छवि
पूरब-उदय-ग िरि-भाले, साहे विहन्गम, पूएय समीरण
नव-जीवन-रस ढाले,
तव करुणारुण-र ागे
निद्रित भारत जागे
तव चरणे नत माथा,
जय जय जय हे, जय राजेश्वर,
भारत-भाग्य -विधाता,
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे

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